सौर ऊर्जा का दोहन

सौर ऊर्जा (Solar Energy)- यह ऊष्मा ऊर्जा पृथ्वी पर वैद्युत चुम्बकीय विकिरण (Electromagnetic Radiation) या किरणों के रूप में पहुँचती है इसका प्रयोग दो प्रकार से किया जाता है-

(i) विकिरण ऊष्मा को एकत्रित करना और प्रत्यक्ष रूप से फोटो वोल्टाइक सिस्टम (Photo voltaic System) द्वारा विद्युत में परिवर्तन करना।

(ii) विकिरण ऊष्मा को एकत्रित करके उसका प्रयोग ऊष्मीय निकाय में करना सौर ऊर्जा का प्रमुख उपयोग पानी गर्म करने, खाना बनाने , बैट्ररी चार्ज करने, घरो / दफ्तर आदि को गर्म रखने, फल/सब्जी आदि के संरक्षण, खारे पानी को पीने योग्य पानी में बदलने में होता है।

सौर ऊर्जा के लाभ (Advantages)–

सौर ऊर्जा के निम्नलिखित लाभ हैं-

1. यह सर्वत्र व्याप्त है। यह कभी ना समाप्त होने वाला ऊर्जा स्रोत है। यह जब तक मनुष्य का अस्तीत्व है, तब तक ऊर्जा देने में सक्षम है।

2. वोटोवोल्टाइक सेल की मदद से सीधे ही विद्युत ऊर्जा में बदल जा सकती है।

3. यह प्रदूषण रहित है।

4. इसका संचालन तथा अनुरक्षण व्यय बहुत कम होता है।

5. किसी प्रकार के ईंधन की आवश्यकता नहीं होती तथा ईंधन के भण्डारण एवं परिवहन पर होने वाला व्यय भी नहीं होता।

6. इसको कई प्रकार से उपयोग में लाया जा सकता है। जैसे- सोलरकुकर,सोलरपम्प, सोलर प्रकाश संयन्त्र, सोलर वाटर हीटर, सोलर टी०वी०, सोलर इनवर्टर तथा सोलर शक्ति प्लाँट आदि।

सौर ऊर्जा के दोष (Disadvantages)-

सौर ऊर्जा के निम्नलिखित दोष हैं-

1. समय के साथ प्रकाश की तीव्रता कम या अधिक होती रहती है।

2. स्टोरेज सेल बहुत महंगें होते हैं।

3. यह ऊर्जा केवल दिन के समय ही उपलब्ध रहती है तथा वर्षा के दिनों में इसका मान कम हो जाता है।

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