उत्पादन (Production) : – कारखानों, कृषि क्षेत्र, उद्योगों आदि सभी में किसी न किसी प्रकार से उत्पादन किया जाता है। मुस्यता: किसी छत के नीचे किए उत्पादन कार्य को उत्पादन (Production) या विर्निमाण (Manufacture) कहतें हैं।
उत्पादन शब्द से हमारा तात्पर्य मशीनी औजारों, मशीनों, कल पुजों, नट, बोल्ट, इन्जन और इन्जन के उपांग इत्यादि के निर्माण से है। किसी भी उद्योग का उद्देश्य उत्पाद (Product) अथवा सेवा (Service) का निर्माण करना होता है जिसे विक्रय कर लाभ प्राप्त किया जा सके।
उत्पादन एवं निर्माण (Production and Management)- मूल सामग्री का रूपान्तरण कर उसके द्वारा उपायोगी उत्पाद बनाने की सभी विधाएँ मुख्यत: उत्पादन (Production) कहलाती हैं। इस प्रकार के रूपान्तरण द्वारा मूल सामग्री की मूल्यता (value) बढ़ती है अत: यह सभी क्रियाएँ (value addition) क्रियाएँ कहलाती हैं।
लगभग यही अभिप्राय निर्माण (manufacture) का भी होता है। पर उत्पादन एवं निर्माण में कुछ सूक्ष्म अन्तर है। सामान्यत: कारखानों (factories) के अन्दर घिरे स्थानों एवं छतों के नीचे इन्जीनियरी एवं अन्य उपयोगी उत्पादों के उत्पादन का निर्माण कहते हैं। उत्पादन के अर्न्तगत सभी प्रकार के उत्पादन आते हैं यहाँ तक कि सेवा उत्पादों (service products) का उत्पादन भी उत्पादन ही कहलाता है।
उत्पादकता (Productivity) :-
उत्पादकता का सम्बन्ध मूल सामग्री के सर्वोत्तम उपयोग, कारखानों एवं उद्योगों के सुचारु रूप से संचालन तथा उचित गुणवता के उत्पादों एवं सेवाओं के निर्माण से है ताकि अधिक से अधिक लाभ कम से कम लागत में किया जा सके। उत्पादन प्रबन्धन में उत्पादकता का अत्यधिक महत्व है।